Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

मेजर डॉ. कविता मील ने पति व सास-ससुर की प्रताड़ना से तंग आकर दी थी जान, सुसाइड नोट में लिखा-भगवान और कानून इन्हें ऐसी सजा दें, भविष्य में कोई किसी भी लड़की के साथ ऐसा करने की सोच भी ना सके

5 माह बाद बाहर आया डॉ. कविता मील की शहादत का सच

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झुंझुनूं। जिले के पिलानी थानान्तर्गत सुजडौला गांव की बेटी और भारतीय सेना में मेजर डॉ. कविता मील की शहादत का सच अब पांच माह बाद सामने आया है। अब उनके परिजनों ने बताया है कि डॉ. कविता मील की शहादत हार्ट अटैक से नहीं, बल्कि उसके पति, सास और ससुर की प्रताड़ना से हुई थी। दरअसल डॉ. कविता मील भारतीय सेना में मेजर के पद पर आर्मी अस्पताल राजौरी में कार्यरत थी। अप्रेल 2023 में उनकी शादी मेजर डॉ. दीपक तेतरवाल के साथ हुई थी। जो आर्मी अस्पताल बीकानेर में कार्यरत थे। शादी के पांच माह बाद मेजर डॉ. कविता मील की शहादत हो गई। तब बताया जा रहा था कि हार्ट अटैक से डॉ. कविता मील की शहादत हुई है। लेकिन कुछ समय बाद ही परिजनों को सच्चाई का पता लगाया तो डॉ. कविता मील का सुसाइड नोट तक सामने आया। उन्होंने अपनी हैंड राइटिंग में अपने टेबलेट में लिखा था। अब परिवार के लोग ना केवल सामने आकर पूरी सच्चाई बयां कर रहे हैं। बल्कि उन्होंने अब राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष को पत्र लिखकर डॉ. कविता मील के पति मेजर डॉ. दीपक तेतरवाल की सेवा बर्खास्तगी की मांग कर रहे है।

जानकारी के मुताबिक 1 अक्टूबर 2023 को डॉ. कविता मील के परिवार को सूचना मिली थी कि डॉ. कविता मील रविवार रात को ड्यूटी करके आई थी। सोमवार को उन्हें हार्ट अटैक हुआ। जिससे वे शहादत को प्राप्त हो गई। परिवार के लोग भी जम्मू कश्मीर के राजौरी पहुंचे। जिन्होंने पार्थिव देह ली और सुजडौला गांव आकर सैन्य सम्मान से डॉ. कविता मील का अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इसके बाद परिजन जब दुबारा राजौरी पहुंचे तो उन्हें सारा माजरा समझ में आया और पता चला कि डॉ. कविता की शहादत हार्ट अटैक से नहीं। बल्कि मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से दुखी होकर डॉ. कविता ने सुसाइड किया है। इस मामले में सेना के अधिकारियों ने राजौरी थाने में सूचना दी। घटना को लेकर राजौरी थाने में मृतका मेजर डॉ. कविता मील के पति बीकानेर सेना अस्पताल में सेवारत सुजानगढ़ चूरू के कोलासर निवासी मेजर डॉ. दीपक तेतरवाल, ससुर रामनिवास और सास तीजू देवी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद 28 अक्टूबर 2023 को ही मेजर डॉ. दीपक तेतरवाल को गिरफ्तार कर लिया। वहीं ससुर रामनिवास को भी गिरफ्तार किया गया। जिसकी जमानत हो गई है। सास तीजू देवी को कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे रखी है। फिलहाल जम्मू कश्मीर की अधीनस्थ अदालत में मामले का ट्रायल चल रहा है। लेकिन अब इस ट्रायल के साथ—साथ मेजर डॉ. दीपक तेतरवाल को सेवाओं से बर्खास्त करने के लिए मृतका के मां—बाप ने राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है। आपको बता दें कि डॉ. कविता और डॉ. दीपक की शादी 22 अप्रेल 2023 को हुई थी और करीब पांच माह बाद ही डॉ. कविता की संदिग्ध हालातों में मृत्यु हो गई थी।

डॉ. कविता से की थी बेरहमी से मारपीट, नाक की हड्डी टूटी, कान का पर्दा तक फाड़ डाला

मेजर डॉ. कविता मील ने अपना सुसाइड नोट 30 सितंबर को दोपहर तीन बजे ही लिख दिया था। उसने अपने टेबलेट में जो सुसाइड नोट लिखा उसमें बताया है कि एक सितंबर को ही अपने पति से मिली थी। तब उसने ना केवल मारपीट कर उसके नाक की हड्डी तोड़ दी। बल्कि बाएं कान का पर्दा तक फाड़ दिया। जिसकी मेडिकल रिपोर्ट भी उसके पास मोबाइल और टेबलेट में मौजूद है। वहीं उसने बताया कि वह काफी दर्द से गुजर रही है। इसलिए आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा रही है। जिसका जिम्मेदार सिर्फ उसका पति और उसके पति का लालची परिवार है। सुसाइड नोट में लिखा है कि वह चाहती है कि कानून और भगवान उन्हें ऐसी कड़ी से कड़ी सजा दे ताकि कोई भी किसी लड़की के साथ कुछ भी करने के बारे में सोच भी ना सके। साथ ही अपने से जुड़े सभी आर्थिक लाभों के उत्तराधिकारी बदलकर अपने पिता को बनाने की बात सुसाइड नोट में लिखी है। इसी सुसाइड नोट में डॉ. कविता मील ने डॉ. दीपक तेतरवाल का दो और लड़कियों के साथ संबंध होने की बात कही गई है। जिनके नाम भी सुसाइड नोट में लिखे हैं। साथ ही लिखा है कि उसने उन लड़कियों से होटल में मिलने, और बीकानेर से उदयपुर आने-जाने के टिकट, लड़कियों के साथ फोटो और चैट आदि भी देखी थी।

पिता बोले-एक महीने बाद शुरू हो गया था मनमुटाव

मेजर डॉ. कविता के माता पिता

शादी के वक्त मेजर डॉ. कविता मील की पोस्टिंग आर्मी अस्पताल राजौरी में थी। तो उनके पति मेजर डॉ. दीपक तेतरवाल की पोस्टिंग आर्मी अस्पताल बीकानेर में थी। एक महीने बाद से ही दोनों के बीच पैसों को लेकर और पति के अन्य लड़कियों से संबंध को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया था। इस बीच परिवार के लोग भी एक बार समझाइश के लिए बीकानेर गए थे। तब समझाइश हो गई थी। बकौल, डॉ. कविता के परिजनों के डॉ. दीपक और उसके परिवार के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ। डॉ. कविता का स्थानान्तरण जब बीकोनर हुआ तो डॉ. कविता के माता—पिता ने सोचा कि कुछ दिन साथ रहेंगे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। फिर भी ठीक नहीं होता है तो फिर दोनों अलग हो जाए। इस पर भी विचार करेंगे। लेकिन डॉ. कविता बीकानेर में ज्वाइन करती, उससे पांच—सात दिन पहले ही उसने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

सेना के अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग
राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष को भेजे गए पत्रों में डॉ. कविता के पिता कमल सिंह और मां संतोष देवी ने ना केवल डॉ. दीपक को सेवाओं से बर्खास्त करने और डॉ. कविता के परिलाभ उन्हें देने की मांग की है। बल्कि सेना के अधिकारियों को लेकर भी जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि इस मामले में सेना के अधिकारी और कार्मिकों ने पद का दुरूपयोग कर जो डॉ. दीपक की मदद कर रहे है। उनकी भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा राजौरी में उन्हें आर्मी अस्पताल राजौरी की एमरजेंसी में पूर्व की तरह रूकने की सुविधा देने के साथ—साथ वहां के अधिकारियों—कार्मिकों को हिदायत दी जाए कि वो हम पीड़ित मां—बाप से सम्मानजनक ढंग से व्यवहार करें।

पुलिस ने जब्त कर लिए टेबलेट, मोबाइल और लेपटॉप
डॉ. कविता के पिता ने बताया कि घटना के बाद से डॉ. कविता के कमरे को लॉक किया हुआ है। वहीं पुलिस ने डॉ. कविता के टेबलेट, मोबाइल और लेपटॉप के अलावा उसके हाथ से लिखी डायरी को जब्त कर रखा है। वहीं बार—बार निवेदन के बावजूद भी उन्हें अभी तक कुछ दिखाया नहीं जा रहा है।

आरएलपी का तहसील अध्यक्ष है आरोपी ससुर
बकौल, डॉ. कविता के पिता, डॉ. कविता के सुसाइड मामले में आरोपी ससुर रामनिवास तेतरवाल आरएलपी सुजानगढ़ का तहसील अध्यक्ष है। डॉ. कविता के पिता ने बताया कि जब डॉ. कविता की पार्थिव देह लेने वे अपने समधी और डॉ. कविता के ससुर रामनिवास तेतरवाल के साथ राजौरी पहुंचे। तो वहां पर रामनिवास तेतरवाल ने हंगामा कर दिया और डॉ. कविता की मृत्यु का जिम्मेदार सेना के अधिकारियों को बताते हुए धरना शुरू कर दिया। इसके बाद जब वहां अधिकारियों ने रामनिवास तेतरवाल को पकड़ा और उसके मोबाइल की जांच की तो उसमें राजौरी के अधिकारियों के नंबर और बेटे के साथ की गई चैट संदिग्ध लगी। रामनिवास तेतरवाल से वहां के अधिकारियों ने पूछताछ भी की। लेकिन बाद में मुकदमे में गिरफ्तार किया। जिसे कोर्ट ने जमानत पर छोड़ा। रामनिवास तेतरवाल भी फौज से रिटायर सूबेदार है। डॉ. कविता के पिता का तो यहां तक कहना है कि घटना के दिन आरोपी डॉ. दीपक तेतरवाल भी राजौरी के ईर्द—गिर्द था। क्योंकि उन्हें पता चला कि डॉ. दीपक जालंधर के आर्मी अस्पताल में भर्ती रहने की भी सूचना मिली है।

कड़ी सजा दिलाने के लिए लड़ूंगा : कमलसिंह मील
डॉ. कविता के पिता कमलसिंह मील ने बताया कि मेरी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। जिसके बाद उसकी संदिग्ध हालातों में मृत्यु हुई है। हमें बेटी के लिए न्याय चाहिए और डॉ. दीपक तथा उसके परिवार को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पूरी लड़ाई लड़ूूंगा। सेना ने भी जांच की थी। जिसकी कॉपी बार—बार मांगने के बाद भी नहीं दे रहे है। जिससे कुछ अधिकारियों—कार्मिकों की भूमिका सही नहीं है।

सीबीआई से जांच करवाने की करेंगे मांग : संजय महला

एडवोकेट संजय महला

मामले में डॉ. कविता के परिवार के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता संजय महला ने बताया कि राजौरी की अधीनस्थ अदालत में ट्रायल चल रहा है। परिवार पर आरोपी पक्ष की ओर से लगातार समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। जिसकी संभावना अधीनस्थ कोर्ट राजौरी ने जाहिर करते हुए कड़ी टिप्पणी की है और जमानत को खारिज किया है। राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष को पत्र भेजा है। जिसमें डॉ. दीपक की सेवा बर्खास्तगी, डॉ. दीपक की मदद करने वाले अधिकारियों—कार्मिकों की भूमिका की जांच करवाकर कार्रवाई करने, डॉ. कविता के परिलाभ पिता को देने जैसी मांग की गई है। अब इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की जाएगी। क्योंकि इस मामले में कहीं ना कहीं सेना के कुछ अधिकारियों—कार्मिकों की भूमिका पीड़ित परिवार को सही नहीं लग रही।