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झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

नया पेंच : कार में जिंदा जलने वाला विकास था या फिर उसका साथी महेश? क्योंकि आखिरी बार दोनों साथ में थे

कार में आग लगने से जिंदा जले फौजी के मामले में नया मोड़

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मुकुंदगढ़ । थाना इलाके के बलरिया रोड पर अंडरपास में होली की रात को कार में लगी आग और आग के कारण कार में बैठे युवक की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि कार में जो व्यक्ति जिंदा जला था वो फौजी विकास भास्कर था या फिर कोई और। जी, हां गुरूवार को झुंझुनूं के मुकुंदगढ़ थाने में कंवरपुरा बालाजी क्षेत्र के रहने वाले महेश मेघवाल के परिजन और ग्रामीण पहुंचे। जिन्होंने दावा किया कि होली की रात को अंडरपास में जिस कार में आग लगी थी। उसमें विकास भास्कर नहीं, बल्कि महेश मेघवाल था। परिजनों ने बताया कि 24 मार्च को शाम साढ़े चार बजे महेश मेघवाल, विकास भास्कर के साथ दिखाई दिया था। इसके बाद से महेश का फोन बंद है। दो दिनों तक महेश मेघवाल का परिजनों ने इंतजार किया। इसके बाद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। लेकिन गुरूवार को परिजन थाने पहुंचे और उन्होंने शक जताया कि कार में जो व्यक्ति जिंदा जला है। वो कोई और नहीं बल्कि महेश मेघवाल था। जिसके बाद पुलिस के सामने भी अजीब स्थिति बन गई है। इस मामले में मुकुंदगढ़ एसएचओ ने बताया कि पहले विकास भास्कर के पिता रामकुमार और मां संतोष देवी के डीएनए सैंपल लेकर भिजवाए गए थे। वहीं गुरूवार को गायब महेश मेघवाल के पिता और बेटे के डीएनए सैंपल लेकर भिजवाए गए है।

दोनों की रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि कार में जो व्यक्ति जिंदा जला था। वो महेश था या फिर विकास। इधर, परिजनों के थाने पर आकर किए गए दावे के बाद पुलिस ने एक बार फिर कार का मुआयना किया। तो पुलिस को गुरूवार को एक जला हुआ मोबाइल भी कार में मिला है। जिसकी भी जांच की जा रही है। इस प्रकरण में अब नया मोड़ आने के बाद यह हादसा, एक वारदात और हत्या की वारदात जैसा प्रतीत होने लगा है। हालांकि पुलिस जांच में ही सारा मामला स्पष्ट हो पाएगा। यदि जिंदा जलने वाला महेश है तो विकास बड़ा सवाल यह भी है कि विकास कहां है। इधर, फौजी विकास भास्कर के भाई किशोर भास्कर ने बताया कि महेश मेघवाल की लापता होने की हमें कोई सूचना नहीं है। ना ही मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है। मेरा संपूर्ण परिवार तो शोक में डूबा हुआ है।

कार में लाश एक, दावा दो का

लापता महेश

यह तो एकदम साफ है कि जिस कार में आग लगी थी उसमें एक ही व्यक्ति की लाश मिली है। जो ड्राइवर सीट पर बैठा था। इसलिए अब पुलिस के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि पहले जिस फौजी विकास भास्कर की लाश माना गया। आखिरकार वो वास्तव में विकास भास्कर ही था। या फिर महेश मेघवाल। गुरूवार को पुलिस को कार में एक जला हुआ मोबाइल भी मिला है। जिससे गुत्थी और उलझ गई है। वहीं पुलिस के सामने अब यह सबसे बड़ा सवाल है कि मृतक कौन था। इसको स्पष्ट करें। जिसके लिए डीएनए रिपोर्ट तक का इंतजार करना ही पड़ेगा।

विकास जबरदस्ती ले गया था गाड़ी
जानकारी में यह भी सामने आया है कि घटना के दिन विकास भास्कर अपने रिश्ते में भाई रमेश उर्फ सोनू के साथ रेलवे स्टेशन आ रहा था। उसी वक्त जब जब रमेश उर्फ सोनू ने गाड़ी को मुकुंदगढ़ की तरफ गाड़ी घुमाई तो विकास ने उसे रोक लिया और बाइपास पर एक दुकान पर ले गया। जहां से उसे शराब लाने के लिए कहा। रमेश शराब लाने ठेके पर गया तो पीछे से विकास भास्कर गाड़ी को लेकर चला गया। रमेश ने विकास को फोन किया तो उसने बताया कि वह साबुन और अन्य सामान लेने जा रहा है। आ जाएगा। लेकिन रमेश पैदल ही गाड़ी को पकड़ने के लिए आने लगा तो विकास ने उसे रोक लिया और वापिस ठेके पर जाकर बियर लाने के लिए कहा। इसके बाद रमेश विकास का इंतजार करने लगा। जांच में यह भी सामने आया है कि विकास भी वापिस गांव आया है और एक दुकान से साबुन व अन्य सामान लिया है। लेकिन इसके 10—15 मिनट के दरमियान ही आग लगने का हादसा हो गया। सामने तो यहां तक आया है कि रमेश ने जब गाड़ी में आग देखी तो सिर्फ लाश जल रही थी। लेकिन इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की है।

महेश करता था विकास के पिता पास मजदूरी
सरपंच हरफूल पूनियां ने बताया कि महेश और विकास, दोनों पड़ौसी है। विकास के पिता रामकुमार ने गांव के ही जगदीश पूनियां का खेत बंटाई पर ले रखा है। रामकुमार ने कुछ दिनों पहले ही महेश को फसल कटाई के लिए मजदूरी पर रख रखा था। 24 मार्च को विकास और महेश साथ देखे गए है। पास के ही बीदसर शराब ठेके पर महेश ने शराब खरीदी है और इसके बाद वह विकास के साथ गाड़ी में बैठता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके बाद से महेश भी गायब है और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है।

महेश पहले भी कई बार शराब के कारण एक—दो दिनों तक घर से गायब रह चुका है। इसलिए परिजनों ने पहले तो एक—दो दिन ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन तीसरे दिन ढूंढा तो महेश कहीं नहीं मिला। जिसके बाद परिजनों ने पहले तो गुमशुदगी दर्ज कराई। गुरूवार को कार में जिंदा जली लाश को लेकर ना केवल दावा करने पहुंचे। बल्कि हत्या की संभावना के मद्देनजर निष्पक्ष जांच की मांग की।

परिजनों के साथ ग्रामीण पहुंचे थाने पर
मामले की गुत्थी सुलझाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने को लेकर परिजनों के साथ ग्रामीण थाने पर पहुंचे। जिसनमें डूंडलोद सरपंच हरफूल पूनियां, युवा नेता प्रवीण सैनी, नारायणाराम बेरवाल, जयसिंह पंवार, दीपक तंवर, मुकेश कुमार, राधेश्याम माहिच, सुनील कुमार, विकास कुमार, दलीप कुमार, सुशील कुमार, दिनेश कुमार, प्रहलाद, नवरंग माहिच, सुमेर माहिच, गिरधारीलाल माहिच, सुगना देवी, संगीता देवी, सुठी देवी, नाथी देवी, मीरा देवी, बसंती देवी, सोनिया देवी, फतेहसिंह, राजेन्द्र प्रसाद माहिच, पंकज कुमार, प्रतिम कुमार, नरेश माहिच, मुकेश माहिच, विनोद माहिच, विनोद बेरवाल, महेंद्र माहिच, विमल बड़गुर्जर, महेंद्र गहलोत, करन चौहान सहित बड़ी संख्या में महिला व पुरुष मौजूद थे।