Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

लोकसभा चुनाव; नामांकन पत्रों की जांच में दो पर्चे खारिज, पार्टी सिंबल नहीं होने से बसपा के दो प्रत्याशियों के पर्चे खारिज

झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र के नामांकन पत्रों की हुई जांच : एक का निर्दलीय के रूप में स्वीकार

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झुंझुनूं । झुंझुनूं में गुरूवार को लोकसभा चुनावों के लिए जमा करवाए गए नामांकनों की जांच रिटर्निंग अधिकारी जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल द्वारा की गई। जिसमें दो नामांकनों को निरस्त कर दिया गया। दरअसल प्रताप सिंह शेखावत व रियाजुल हसन फारूकी ने बहुजन समाज पार्टी से अपना नामांकन दाखिल किया था। लेकिन उनके नामांकन में पार्टी की टिकट, यानि कि प्रपत्र ए और बी नहीं थे। जिसके अभाव में दोनों के नामांकन खारिज कर दिए गए। इसके अलावा बहुजन मुक्ति पार्टी से नामांकन दाखिल करने वाले शेखावत राजेंद्र सिंह का नामांकन तो खारिज नहीं किया गया। लेकिन उनका नामांकन अब किसी पार्टी से नहीं, बल्कि निर्दलीय के तौर पर स्वीकार किया गया है।

एडीएम रामरतन सौंकरिया ने बताया कि पार्टी की टिकट के लिए प्रपत्र ए और बी देना होता है। शेखावत राजेंद्र सिंह भी निर्धारित समय तक अपनी पार्टी बहुजन मुक्ति मोर्चा की टिकट नहीं दे पाए। लेकिन शेखावत राजेंद्र सिंह ने नामांकन का भाग दो, जो एक निर्दलीय रूप में भरा जाता है। उसे भरा था और उसमें अपेक्षित 10 प्रस्तावकों की जानकारी और उनके हस्ताक्षर करवाए थे। जिसके चलते उनका नामांकन बतौर निर्दलीय प्रत्याशी स्वीकार किया गया है। एडीएम रामरतन सौंकरिया ने बताया कि अब 30 मार्च दोपहर तीन बजे तक नामांकन वापसी का समय रखा गया है। इसके बाद प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है। आपको बता दें कि नामांकन निरस्त होने के बाद अब बसपा से एडवोकेट बंशीधर नारनौलिया, कांग्रेस से बृजेंद्र ओला, भाजपा से शुभकरण चौधरी, आंबेडकरराइट पार्टी आफ इंडिया से दुर्गाप्रसाद मीणा, भीम ट्राइबल कांग्रेस से सत्यनारायण, बहुजन क्रांति पार्टी मार्क्सवाद अंबेडकरवाद से हजारीलाल, निर्दलीय के रूप में अलतीफ और निर्दलीय के रूप में शेखावत राजेंद्र सिंह के नामांकन स्वीकार किए गए है।

जानिए, क्या है प्रपत्र ए और बी
दरअसल जिसे हम पार्टी की टिकट कहते है। वो ही नामांकन पत्र के भाग संख्या में प्रपत्र ए और बी होता है। प्रपत्र ए में पार्टी का संगठन महासचिव अपने किसी दूसरे पदाधिकारी को टिकट पर साइन करने के लिए अधिकृत करता है। साथ ही प्रपत्र ए में इसी पदाधिकारी के नमूना हस्ताक्षर भी अंकित होता है। वहीं प्रपत्र बी में पार्टी की तरफ से अधिकृत पदाधिकारी पार्टी प्रत्याशी का नाम लिखकर उसे दाखिल करवाता है। जिन तीन जनों के नामांकनों में पार्टी की टिकट नहीं मिली। उनमें बसपा से फॉर्म भरने वाले प्रताप सिंह शेखावत व रियाजुल हसन फारूकी थे। वहीं बहुजन मुक्ति मोर्चा से शेखावत राजेंद्र सिंह भी प्रपत्र ए और बी जमा नहीं करवा सके।

बसपा से तीन नामांकन दाखिल हुए, एक स्वीकार हुआ
आपको बता दें कि नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन बसपा से तीन प्रत्याशियों क्रमश: एडवोकेट बंशीधर नारनौलिया, प्रताप सिंह शेखावत व रियाजुल हसन फारूकी ने नामांकन दाखिल किए थे। बुधवार को ही इस मसले पर बसपा के संभाग प्रभारी राजेंद्र नारनौलिया ने साफ कर दिया था कि उनके अधिकृत प्रत्याशी एडवोकेट बंशीधर नारनौलिया है। जिसके बाद साफ हो गया था कि प्रताप सिंह शेखावत व रियाजुल हसन फारूकी के नामांकन रद्द होंगे। यदि प्रताप सिंह शेखावत और रियाजुल हसन फारूकी नामांकन का भाग संख्या दो 10 प्रस्तावकों की डिटेल और हस्ताक्षर के साथ जमा करवा देते तो उनका भी नियमानुसार नामांकन खारिज होने की बजाय निर्दलीय के रूप में स्वीकार हो जाता। परंतु भाग संख्या दो ना भरे जाने के अभाव में दोनों का नामांकन खारिज कर दिया गया।