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झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

बनगोठड़ी खुर्द में बीएसएफ जवान को सैन्य सम्मान से दी अंतिम विदाई

असम में चुनाव ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आने से हुआ था निधन

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पिलानी। बीएसएफ में कार्यरत बनगोठड़ी खुर्द के जवान अंगपाल जांगिड़ को शनिवार को उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंगपाल जांगिड़ की लोकसभा चुनाव के दौरान असम के गुवाहाटी में ड्यूटी लगी थी। जहां हृदय गति रुक जाने की वजह से उनका निधन हो गया। शहीद के शव को लेकर बीएसएफ की 162वीं बटालियन की टुकड़ी शनिवार सुबह पिलानी पहुंची। पिलानी पुलिस थाने से गांव तक तिरंगा यात्रा के साथ शव को बनगोठड़ी खुर्द लाया गया। जिसके बाद जैसे ही शव को घर ले जाया गया तो उनकी पत्नी व पुत्र बेसुध हो गए।

अंतिम दर्शन के बाद ग्रामीणों व बीएएसएफ जवानो ने तिरंगा रैली के साथ उनके शव को मुक्ति धाम तक ले गए। यात्रा के दौरान गांव के बच्चों द्वारा भारत माता की जय व अंगपाल अमर रहे के नारे लगते रहे। गांव के मुक्ति धाम में क्षेत्रीय विधायक पितराम सिंह काला ने भी बीएसएफ जवान के शव पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। उसके बाद अधिकारीयों ने आशीष को तिरंगा भेंटकर हौंसला बढाया। जिसके बाद जवान के बेटे आशीष ने अपने पिता के शव को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद ग्रामवासी देर तक देशभक्ति के नारे लगाते रहे। इससे पहले सुबह हैड कांस्टेबल अंगपाल जांगिड़ का तिरंगे में लिपटा शव उनके घर पहुंचा तो उनकी मां और पत्नी बेसुध हो गई।

मृतक जवान के दोनों बच्चे भी पिता के शव से लिपट कर रो पड़े। अंगपाल जांगिड़ बीएसएफ की 162 बटालियन में हैड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे और वे छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे। उन्होंने 1998 में फोर्स ज्वॉइन की थी। परिवार में पत्नी सुमन (38) गृहिणी हैं, दिव्यांग बेटा आशीष (19) और बेटी मित्तल (16) हैं। शहीद जवान अंगपाल जांगिड़ के पिता नंदलाल जांगिड़ भी बीएसएफ में हवलदार के पद से रिटायर हुए हैं। बेटे के निधन के बाद पिता नंदलाल जांगिड़ भी शोकमग्न थे। अंतिम संस्कार में पिलानी चेयरमैन हीरालाल नायक, हिंदू क्रांति सेना प्रदेश अध्यक्ष विकास डूमोली, ताराचंद पीटीआई हमीनपुर, सतवीर जांगिड़, सुरेंद्र पूनियां, वीरेंद्र कुमार, गौ रक्षक कुलदीप आर्य, राजवीर मास्टर, सरपंच राजीव मेघवाल, समी, आकाश नायक, मीर सिंह फौजी, सूरत सिंह धनखड़, सूरजभान पूनियां, सुरेश जांगिड़, इंद्र पूनियां, रणवीर नायक व अन्य ग्रामवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए।