Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

तबादले बनें मजाक, एक महीने में मलसीसर में चार एसडीएम बदले, सूरजगढ़ से 5 दिन पहले जिन्हें हटाया था उन्हें वापस वहीं लगा दिया

दो एसडीएम आए नहीं कि उससे पहले ही रवाना, एक का डेढ महीने में तीसरा तबादला

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झुंझुनूं। नई सरकार के गठन के बाद अधिकारियों के तबादलें मानों मजाक बन गए हैं। अधिकारी पहले तो ज्वाइन होने के लिए नई सूची का इंतजार करता है। नई सूची आ जाती है तो ज्वाइन करता है। इसके अगले ही दिप अधिकारियों के तबादले हो जाते हैं। हाल ही में आई आरएएस की सूची में भी ऐसे ही प्रकरण देखने को मिले। झुंझुनूं जिले में लगाए गए दो एसडीएम तो आए नहीं कि उससे पहले ही उनका फिर से तबादला कर दिया गया। वहीं एक एसडीएम का डेढ महीने में तीसरी बार तो एक एसडीएम को महज पांच दिनों में ही फिर से उसी जगह पर वापस एसडीएम लगा दिया गया। ये प्रकरण देखकर अब चर्चा होने लगी है कि ये तबादले है या फिर कोई मजाक।

मलसीसर में एक माह में चार एसडीएम बदल चुके हैं। सत्ता परिवर्तन होने पर हुए तबादलों में एक महीने पहले यहां से एसडीएम हवाईसिंह यादव का तबादला जयपुर किया गया था। तब उनकी जगह राजेश सुवालका को लगाया था। 22 फरवरी को उनका तबादला कर उनकी जगह दलीपसिंह को एसडीएम लगा दिया। दलीपसिंह ड्यूटी जॉइन करते, उससे पहले ही उनकी जगह मधुलिका सींवर को एसडीएम लगा दिया।

बहरहाल, आपको बता दें कि बीती रात को जिला परिषद सीईओ के अलावा चार उपखंड अधिकारियों को बदला गया है। इनमें दो एसडीएम दिलीप सिंह (श्रीमाधोपुर से मलसीसर) व डॉ. सरिता शर्मा (आमेर से झुंझुनूं) तो ऐसे है। जिनका पांच दिन पहले ही 22 फरवरी को तबादला किया गया था। उन्होंने ज्वाइन भी नहीं किया। लेकिन अब दिलीप सिंह को चौमूं तथा डॉ. सरिता शर्मा को सहायक कलेक्टर जयपुर शहर लगाया गया है। वहीं 22 फरवरी को सूरजगढ़ से केकड़ी लगाए गए एसडीएम दयानंद रूयल को फिर से पांच दिन बाद सूरजगढ़ ही पदस्थापित कर दिया गया है। सूरजगढ़ में एसडीएम पद पर सोमवार को ज्वाइन करने वाली सुमन सोनल को दो दिन बाद ही तबादला कर झुंझुनूं एसडीएम के पद पर भेज दिया गया है। सुमन सोनल का यह डेढ महीने में तीसरा तबादला है। वे पहले नवलगढ़ में पदस्थापित थी। पहले उन्हें सलूम्बर भेजा गया। इसके बाद उन्हें सूरजगढ़ लगाया गया है। अब उन्हें नई सूची में झुंझुनूं लगाया गया है। चंद दिनों में अधिकारियों के हो रहे तबादले अब चर्चा से ज्यादा मजाक का विषय ज्यादा बन गए है।

रामरतन सौंकरिया का 19 दिनों में तीसरा तबादला, अब झुंझुनूं सीईओ लगाया

रामरतन सौंकरिया, सीईओ जिला परिषद

तबादलों में गफलत का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीनियर आरएएस रामरतन सौंकरिया का महज 19 दिन में तीसरी बार तबादला किया गया है। उनका 9 फरवरी को तबादला राजस्व अपील अधिकारी सीकर से तबादला ओएसडी मुख्यमंत्री के पद पर किया था। इसके बाद 22 फरवरी को उन्हें ओएसडी मुख्यमंत्री से हटाकर सीईओ जिला परिषद भीलवाड़ा लगाया गया है। अब उन्हें पांच दिन बाद ही झुंझुनूं जिला परिषद सीईओ लगाया गया है। झुंझुनूं जिला परिषद सीईओ जवाहर चौधरी को जालौर सीईओ जिला परिषद सीईओ लगाया गया है।

इन एसडीएम का हुआ तबादला

सुमन सोनल, एसडीएम झुंझुनूं

बीती रात आई तबादला सूची में चार जगहों के एसडीएम बदले गए है। इनमें सूरजगढ़ एसडीएम सुमन सोनल को झुंझुनूं, सहायक भू प्रबंधक अधिकारी जोधपुर मधुलिका सींवर को मलसीसर, डीडवाना एसडीएम जीतू कुलहरि को चिड़ावा एसडीएम लगाया गया है। जबकि दयानंद रूयल को फिर से केकड़ी से सूरजगढ़ लगा दिया गया है। जीतू कुलहरि पूर्व में बुहाना एसडीएम रह चुकी है। वहीं चिड़ावा एसडीएम बृजेश कुमार को श्रीगंगानगर एसडीएम लगाया गया है।

दिलचस्प ये भी, अब ‘टोंक टीम’ झुंझुनूं में
तबादलों के इस दौर में एक दिलचस्प इत्तेफाक ये भी हो गया है कि टोंक जिले में एक साथ पदस्थापित चार अधिकारी एक बार फिर झुंझुनूं में पदस्थापित हो गए है। इनमें जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल, एसपी राजर्षि राज वर्मा, एएसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ और नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ के नाम शामिल है। इसलिए प्रशासनिक हलके में यह खासी चर्चा है कि ‘टोंक टीम’ अब झुंझुनूं में पदस्थापित हो गई है। साथ काम करने से जो आपसी समझ पुलिस व प्रशासन के बीच टोंक में हुई थी। अब उसके अनुभव का फायदा झुंझुनूं को भी मिलेगा। आपको बता दें कि कलेक्टर चिन्मयी गोपाल अप्रेल 2021 से अक्टूबर 2023 में टोंक कलेक्टर रह चुकी है। तो वहीं इसी दरमियान राजर्षि राज वर्मा भी फरवरी 2023 से 18 फरवरी 2024 तक टोंक एसपी रह चुके है। इसी समय के दौरान 2022 व 2023 के महीनों में आयुक्त अनिता खीचड़ टोंक नगर परिषद में आयुक्त रह चुकी है। साथ ही झुंझुनूं आने वाले नए एएसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ भी जुलाई 2023 से मालपुरा टोंक में एएसपी के पद पर कार्यरत है। आपको यहां बता दें कि टोंक से मिले फीडबैक के मुताबिक सभी अधिकारियों में टोंक में आपसी सामंजस्य था। जिससे अब इस सामंजस्य का फायदा झुंझुनूं को होगा।