Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

आओ अब ‘पद’ पर ‘लौट’ चलें…! शिक्षा विभाग में डेपुटेशन रद्द कर तुरंत प्रभाव से मूल पद पर पदस्थापित करने के आदेश

8 फरवरी को सभी का डेपुटेशन रद्द कर दिया गया था, फिर भी आदेश नहीं मान रहे अधिकारी

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झुंझुनूं। शिक्षा विभाग ने प्रतिनियुक्ति यानी कि डेपुटेशन पर लगे कार्मिकों को अपने मूल पद पर ज्वाइन करने के सख्त आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर के निदेशक आईएएस आशीष मोदी ने सभी संयुक्त निदेशकों को आदेशित किया है कि शिक्षा विभाग का जो भी कार्मिक प्रतिनियुक्ति, कार्य व्यवस्था व शिक्षण व्यवस्था के लिए इधर उधर लगाए गए थे। उनको तुरंत प्रभाव से अपने मूल पद पर पदस्थापित करना अनिवार्य हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि 8 फरवरी को सभी का डेपुटेशन रद्द कर दिया गया था। बावजूद इसके कुछ अधिकारी व कर्मचारी अभी भी कार्य व्यवस्था, शिक्षण व्यवस्था व अन्य कार्यालयों तथा विद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि आदेशों की अवेहलना में यह स्थिति ठीक नहीं है और यह विषय उच्च अधिकारियों की अवेहलना की श्रेणी में आता है। इस संबंध में समस्त संयुक्त निदेशक तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई करते हुए डेपुटेशन रद्द करें।

शिक्षा मंत्री ने दिए डेपुटेशन रद्द के निर्देश
15‌वीं विधानसभा सप्ताह सत्र के प्रश्नकाल में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने निर्देश दिए थे कि शिक्षा विभाग के कार्यरत अधिकारी व अन्य कर्मचारी चुनाव को छोड़ कर जो शैक्षिक कार्यों में नहीं लगे हुए हैं। उन सभी का डेपुटेशन निरस्त किया जाता है। तथा चुनाव के तुरंत बाद सभी प्रतिनियुक्ति निरस्त की जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि इसके अलावा शिक्षा शासन सचिव, निदेशक के आदेश के बिना ही डेपुटेशन पर लगे हुए अधिकारियों व कर्मचारियों का भी डेपुटेशन निरस्त किया जाता है। और संभाग मुख्यालयों पर बिना मंत्री की जानकारी के डेपुटेशन पर है उनका भी डेपुटेशन निरस्त किया जाता है।

जिले में भी जमे हुए हैं डेपुटेशन पर
शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने समस्त संयुक्त निदेशकों को आदेशित तो कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके झुंझुनूं जिले में भी साक्षरता विभाग में शिक्षा विभाग से कुछ कार्मिक बिना शिक्षा मंत्री की अनुमति के डेपुटेशन पर लगे हुए हैं, उनका डेपुटेशन अभी तक निरस्त नहीं किया गया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है।