शिक्षाविद बनवारीलाल रणवां का नागरिक अभिनंदन किया, बोले-राजनीति में सेवा का मौका मिला तो, स्वच्छ राजनीति करूंगा
नवलगढ़ की वर्मा हवेली में विभिन्न संगठनों की और से हुआ आयोजन
नवलगढ़। स्थानीय वर्मा हवेली में प्रसिद्ध कवि हरिश हिंदुस्तानी के नेतृत्व में शिक्षाविद समाजरत्न बालिका शिक्षा के पुरोधा, गौसेवक, गरीबों के सहयोग डीपीएस शिक्षण संस्था के संस्थापक बनवारीलाल रणवां का नागरिक अभिनंदन व विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। नवलगढ़ व शेखावाटी की सैंकड़ों सामाजिक, शैक्षणिक व साहित्यिक संस्थाओं ने शाॅल साफा प्रतीक चिह्न व माला पहनाकर सम्मान किया। नगरपालिका नवलगढ़, संजीवनी साहित्यिक व सामाजिक संस्था, एसोसिएशन आॅफ अलॉयंस इंटरनेशनल के क्लब, सूर्य मंडल, नवयुवक मंडल, संतोष मंडल, महावीर इंटरनेशनल, गोविंदराम बासोतिया ट्रस्ट, जाट समाज, अंगीरा सेवा संस्थान, शेखावाटी विप्र समाज मंच, जन मंगल सेवा संस्थान व चेतना, अलॉयंस क्लब 140, राष्ट्रीय कवि संगम, शब्दाक्षर साहित्यिक संस्था, शब्द साहित्यिक संस्था, जागरण मंच, आशा का झरना, गीतांजलि ज्वैलर्स व पोदार काॅलेज सहित सभी शिक्षण संस्थाएं, जातीय संस्थाएं, मित्रगणों द्वारा सम्मानित किया गया। रणवां के जीवन पर प्रशस्ति पत्र का वाचन सुरेश जांगिड़ ने किया।
इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी व पुत्र राहुल रणवां का भी सम्मान किया गया। नवलगढ़ में इस प्रकार का कार्यक्रम पहली बार सभी के सहयोग से आयोजित किया गया। बनवारीलाल रणवां ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे जीवन में सफलता का राज मेहनत, कर्तव्यनिष्ठा, अच्छी सोच तथा संयुक्त परिवार का योगदान है। विद्यार्थियों की संस्कारवान शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थाएं व अभिभावक जिम्मेदार है। आपने कहा कि भविष्य में वे लड़कियों की शिक्षा में दस प्रतिशत की छूट करेंगे। आपने कहा कि अगर मुझे राजनीति में मौका मिला तो मैं स्वच्छ राजनीति करूंगा। आपने सभी को कहा कि जीवन में सफलता के लिए अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाना जरूरी है। कार्यक्रम में सैंकड़ों महिला शक्ति उपस्थित रही। जो अपने आपमें अदभुत है। महिला दिवस पर हमारा प्रयास महिलाओं को सशक्त करने का है। इस अवसर पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें हर भारतीय को अपने मन में देवत्व व पुरूषार्थ जगाने के भाव से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त देशभक्ति के भीलवाड़ा से पधारे कवि योगेंद्र शर्मा ने कविता पढ़ी कि तुम चाहो तो जर्रा जर्रा रत्नाकर हो सकता है। तुम चाहो तो कंकर कंकर शिव हो सकता है। तुम चाहो तो रामराज्य का दौर शुरू हो सकता है। तुम चाहो तो भारत फिर से विश्व गुरू हो सकता है।
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दौसा से कवियित्री सपना सोनी ने सुंदर गीत प्रस्तुत कर समां महकाया। जयपुर से पधारे लाफ्टर चैम्पियन केशरदेव मारवाड़ी ने हंसते हंसते भारतीय व्यंजनों के प्रशंसा में भारतीय भोजन को अपनाइए जीवन मे निरोगता पाइए… से श्रोताओं की दाद पाई। जिस कोख से हमने जन्म लिया वह मां सबसे प्यारी है मातृ शक्ति की यह दुनिया सदा सदा आभारी है। कवि पवन पारस ने नशामुक्ति के विरूद जागृति की कविता पढकर सुंदर संदेश दिया। चिड़ावा से नागेन्द्र शर्मा निकुंज ने शेखावाटी मुहावरों से सुंदर हास्य में वातावरण बनाया। कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे कवि हरिश हिंदुस्तानी ने चुटीले व सार्थक हास्य मुक्तकों से कवि सम्मेलन को सरस बनाया।
कार्यक्रम मे नगरपालिका अध्यक्ष शोयब खत्री, उपाध्यक्ष कैलाश चोटिया, डाॅ. दयाशंकर जांगिड़, शिवकरण जानूं, रामनाथ चौधरी, ठाकुर आनंदसिंह, ओमप्रकाश मिंतर, अश्विनी कुमार महर्षि, प्रोफेसर मोतीचंद मालू, डाॅ. सत्येन्द्र सिंह, डाॅ. अनिल कुमार शर्मा, डाॅ. मनीष—मिनाक्षी जांगिड़, डाॅ. राजेश, सविता यादव, राममोहन सेकसरिया, मेजर डीपी शर्मा, रामकुमार सिंह राठौड़, सज्जन जोशी, रमाकांत सोनी, भंवरलाल, मातादीन, जगदीश प्रसाद, एडवोकेट मोरवी जांगिड़, महेन्द्र सर्राफ, तरूण मिंतर, पीरामल दायमा, डाॅ. अंबरिश कुमार, डाॅ. एनके पारीक, रविन्द्र पुरोहित, महेश मिश्रा व सभी संस्थाओ के सदस्य व शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के पश्चात स्वरूचि भोज का आनंद लिया गया।