Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

पिता का सपना अधूरा रहा तो उनके बेटे व बेटी ने सेना में जाकर पूरा किया, बेटी वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट तो बेटा नौसेना में लेफ्टिनेंट बना

पिलानी के कुलहरियों का बास में लाडले बेटे सौम्य कुलहरि का स्वागत, सौम्य की बहन कृतिका भी वायु सेना में है फ्लाइट लेफ्टिनेंट

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पिलानी। झुंझुनूं के युवाओं का देश सेवा में जाने की अनेक मिसाल मिल जाएगी। लेकिन पिता ने जो ख्वाब देखा और पूरा नहीं कर पाए। ऐसे पिता की बेटी और बेटे ने पिता का देखा हुआ ख्वाब पूरा किया तो ना केवल परिवार में, बल्कि गांव में खुशी का माहौल है। जी, हां खबर झुंझुनूं के पिलानी कस्बे के समीप कुलहरियों के बास की है। जहां के रहने वाले रामावतार कुलहरि ने अपनी पढाई सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ से की। सपना था सेना में जाकर देश सेवा का। लेकिन सपना पूरा नहीं कर सके। अब उनकी बेटी और बेटे ने यह सपना पूरा किया है। पहले उनकी बेटी कृतिका कुलहरि वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनीं। तो अब उनका बेटा सौम्य कुलहरि भी नौ सेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुआ है।

सौम्य की मां डॉ. विजय लक्ष्मी कुलहरि ने बताया कि उन्हें काफी खुशी है कि उनकी बेटी और अब बेटा, दोनों भारतीय सेना का हिस्सा और देश सेवा को उन्होंने अपने भविष्य के तौर पर चुना है। इस मौके पर गांव में सौम्य कुलहरि और उनके पूरे परिवार का सम्मान किया गया। सम्मान कार्यक्रम में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा, रिटायर्ड आईजी छाजूराम समेत पूर्व सैनिक और वर्तमान सैनिक परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया। आपको बता दें कि सौम्य के बड़े बाबा कमांडर ख्यालीराम कुलहरि भी भारतीय नौसेना से सेवानिवृत है।

पिता रामावतार कुलहरि मारुति सुजूकी इंडिया में वरिष्ठ महा प्रबंधक हैं। जिन्होंने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से अपनी पढ़ाई पूरी की और बड़े चाचा सुमेर सिंह कुल्हरि भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद क्रूज शिप में कार्यरत हैं और छोटे चाचा प्रताप बहादुर कुल्हरि मर्चेंट नेवी में कप्तान हैं। परिवार में देशभक्ति और सेना के प्रति लगाव अगली पीढ़ी में भी इसी तरह बरकरार रहा। कमांडर ख्यालीराम कुलहरि की बेटी लेफ्टिनेंट कर्नल कंचन और उनके दामाद कर्नल गुंजन भारतीय थल सेना में हैं। सौम्य की दीदी कृतिका कुल्हरि भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट हैं और उनके पति फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रखर भी भारतीय वायुसेना में ही कार्यरत हैं। और अब सौम्य कुल्हरी ने भी परिवार की परंपरा को कायम रखा।