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झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

झुंझुनूं का किडनी कांड; डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज, रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की अनुशंषा

झुंझुनूं के डॉ. संजय धनखड़ ने निकाली थी नूआ निवासी महिला की किडनी

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झुंझुनूं। डॉ. संजय धनखड़ के किडनी कांड को लेकर बड़ा एक्शन हुआ है। सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी द्वारा गठित की गई चिकित्सकों की टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद आखिरकार पीड़ित महिला ईद बानो के पर्चा बयान के आधार पर कोतवाली थाने में डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ ईलाज में लापरवाही बरतने के आरोपों के साथ एफआईआर दर्ज हो गई है। शहर कोतवाल पवन चौबे ने बताया कि पीड़ित महिला के पर्चा बयान 22 मई को जयपुर एसएमएस अस्पताल में लिए गए थे। जिसके बाद गृह विभाग के परिपत्र के अनुसरण में चिकित्सक के खिलाफ ईलाज में लापरवाही बरतने के केस की जांच को लेकर एसपी राजर्षि राज वर्मा को पत्र लिखा गया था। एसपी ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा था। जिला कलेक्टर ने पत्र लिखकर सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी से पांच चिकित्सकों की टीम गठित पूरे मामले की जांच करवाई थी। इस जांच कमेटी ने गुरुवार रात को अपनी रिपोर्ट सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी को दे दी थी। रिपोर्ट में डॉ. संजय धनखड़ की इस ईलाज में लापरवाही मानी गई है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को कोतवाली थाने में ईद बानो के पर्चा बयान के आधार पर डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

इधर, जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल भी इस मामले में सख्त नजर आई। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी गंभीर है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने भी गलत ऑपरेशन करने वाले डॉ. संजय धनखड़ का राजस्थान मेडिकल कौंसिल से रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है। शुक्रवार देर शाम को हुए दोनों एक्शनों के बाद अब डॉ. संजय धनखड़ की मुश्किलें और बढ जाएगी।

एफआईआर में लिखा, तबीयत बिगड़ी तो छुट्टी दे दी और कहा जयपुर जाओ
घोड़ीवारा खुर्द निवासी 30 वर्षीय ईद बानो पत्नी शब्बीर काजी के पर्चा बयान पर जो एफआईआर दर्ज की गई है। उसमें ईद बानो बताया कि उसके दाहिने साइड में जब दर्द हुआ तो वह 10—11 मई को धनखड़ अस्पताल पहुंची थी। तब डॉ. संजय धनखड़ ने ईद बानो के पति को बताया कि उसके दाहिने गूर्दे में मवाद और पत्थरी है। इसलिए गुर्दा निकालना पड़ेगा। जिसके बाद 13 मई को उसे ईलाज के लिए धनखड़ अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहीं 15 मई को शाम पांच बजे के आस—पास उसका आॅपरेशन किया गया। आॅपरेशन के समय डॉ. धनखड़ को उसका खराब दाहिना गुर्दा निकालना था। लेकिन डॉ. धनखड़ ने उसका बायां गुर्दा निकाल लिया। जो सही था। इसके बाद जब उसकी तबियत बिगड़ी और पेशाब की जगह मवाद आने लगी तो 17 मई को ईद बानो के पति ने डॉ. संजय धनखड़ को दुबारा चैक करने के लिए कहा। तो डॉ. संजय धनखड़ ने उन्हें छुट्टी दे दी और कहा कि जयपुर जाओ। इसके बाद ईद बानो को उसका पति जयपुर लेकर पहुंचा। तब पता चला कि उसका गुर्दा गलत निकाल लिया और उसके जीवन को संकट में डाल दिया।

राजस्थान में डॉ. धनखड़ नहीं कर सकेंगे प्रेक्टिस!

डॉ. संजय धनखड़

जांच कमेटी की रिपोर्ट में चिकित्सकीय लापरवाही की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने भी एक पत्र चिकित्सा विभाग को लिखा है। जिसमें उन्होंने राजस्थान मेडिकल कौंसिल में डॉ. संजय धनखड़ का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की अनुशंषा की है। यदि राजस्थान मेडिकल कौंसिल डॉ. संजय धनखड़ के रजिस्ट्रेशन निरस्त होता है तो कम से कम डॉ. धनखड़ राजस्थान में प्रेक्टिस नहीं कर सकेंगे। वहीं जानकारों की मानें तो दूसरे स्टेट में भी प्रेक्टिस करना मुश्किल है। क्योंकि दूसरे स्टेट वाले रजिस्ट्रेशन करने के लिए राजस्थान से एनओसी मांगेंगे। जो ऐसी परिस्थिति में राजस्थान मेडिकल कौंसिल शायद ही दें।

अब निकाली गई किडनी का भी अता—पता नहीं, सवाल यही—कहां गई किडनी
डॉ. संजय धनखड़ के किडनी कांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे है। अब जिस किडनी को डॉ. संजय धनखड़ ने अपने धनखड़ अस्पताल में आपरेशन कर निकाला था। वो ही नहीं मिल रही है। इस मामले में डॉ. धनखड़ का कहना है कि उन्होंने किडनी परिजनों को दे दी। जबकि परिजनों का कहना है कि उन्हें किडनी दिखाई थी। लेकिन दी नहीं गई। अब सभी के मन में सवाल यही है कि आखिरकार निकाली गई सही किडनी गई कहां। इसे लेकर तरह—तरह के सवाल खड़े हो रहे है। जबकि ऑर्गन एक्ट के तहत ऑर्गन को 10 साल और बायोप्सी स्लाइड 12 माह तक सुरक्षित रखने का नियम है। लेकिन अस्पताल ने इस नियमों की पालना लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना ढंग से नहीं की। या फिर किडनी को लेकर कोई और ही कहानी रची जा रही है। यह सवालों के घेरों में है। इधर, ऑर्गन एक्ट के बारे में डॉ. धनखड़ ने किसी प्रकार की जानकारी होने से मना किया है। आपको बता दें कि डॉ. संजय धनखड़ पर नूआं निवासी ईद बानो का आपरेशन कर गलत किडनी निकालने के आरोप लगे हुए है। जिसकी जांच विभिन्न स्तरों पर चल रही है। वहीं ईद बानो को इलाज के लिए एसएमएस जयपुर में किया जा रहा है। एसीएस शुभ्रा सिंह ने जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है।

इनका कहना है…
पर्या बयान पहले ही ईद बानो के ले लिए गए थे। चिकित्सक के खिलाफ मुकदमे की बनीं गाइडलाइन के अनुसार सीएमएचओ के जरिए जांच करवाई गई। जांच कमेटी द्वारा चिकित्सकीय लापरवाही का मजमून पाया गया है। जिसके बाद प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच मैं स्वयं करूंगा।
— पवन कुमार चौबे, शहर कोतवाल, झुंझुनूं