Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

पिलानी में हुई फर्जी ईडी और मुंबई क्राइम ब्रांच की एंट्री! 57 साल की महिला से ठगे 7.67 करोड़ रूपए

तीन महीने से चल रहा था ठगी का बड़ा खेल, तीन बैंकों से 80 लाख रुपए लोन भी लेकर ठगों को दे दिया

- Advertisement -

0 65

पिलानी। कस्बे में फर्जी ईडी और मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर बड़ी ठगी की वारदात हुई है। एक संस्थान में कार्यरत 57 वर्षीया महिला से तीन महीने में ठगों ने 7 करोड़ 67 लाख रूपए ठग लिए है। अब यह मामला साइबर थाना झुंझुनूं में दर्ज हुआ है। साइबर थाना प्रभारी डीएसपी हरिराम सोनी ने बताया कि पिलानी निवासी एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि अक्टूबर 2023 में उसके पास एक कॉल आया। जिसने बताया कि उसके आधार कार्ड से एक और नंबर चालू है। उस नंबर से अवैधानिक विज्ञापन और उत्पीड़न के मैसेज किए जा रहे है। इसलिए आपके खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मुंबई पुलिस कार्रवाई करेगी।

इसके बाद उसके पास एक मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के नाम से कॉल आया और एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का एसआई बताते हुए स्काइप के जरिए आनलाइन मिटिंग के लिए कहा। जिसके बाद उस युवक ने कहा कि इस महिला की मुश्किलें बढ गई है। क्योंकि एक मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 20 लाख का लेन—देन में महिला का नाम आ गया है। मामला अब ईडी के पास पहुंच गया है। इसलिए अलग—अलग तरीके से डरा कर अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक महिला के पास से 7 करोड़ 67 लाख रूपए अपने खातों में डलवा लिए। डरी सहमी महिला लगातार पैसे डालती रही। यही नहीं उसे अपनी गिरफ्तारी का इतना डर हो गया कि उसने ना केवल जीवन भर के पैसे ठगों को दे दिए। बल्कि बैंकों से लोन लेकर भी 80 लाख रूपए ठगों को ही दे दिए।

ठग उसे मनी लॉन्ड्रिंग का केस सुप्रीम कोर्ट में हल होने और डिजीटल वेरिफिकेशन होने के बाद पैसा वापिस लौटाने की बात भी कहते रहे। अंतिम तारीख 12 फरवरी दी गई। लेकिन 15 फरवरी तक आरोपियों से कोई संपर्क नहीं हुआ तो महिला एकदम डर गई। तब जाकर उसने आपबीती अपने साथियों को बताई। पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है। इस मामले में मुंबई निवासी संदीप राव व आकाश कुलहरि व एक अन्य के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी गई है। मुकदमा दर्ज करवाने के बाद महिला ना तो किसी से बात कर रही है और ना ही किसी के सामने आ रही है।

ट्राई के नाम से पहला कॉल, फिर ईडी तक का नाम लिया
महिला को सबसे पहला कॉल 29 अक्टूबर 2023 को सुबह आया था। जिसमें आरोपी ने खुद को दूरसंचार विभाग ट्राई का प्रतिनिधि बताया और कहा कि महिला के आधार कार्ड से एक और नंबर रजिस्टर्ड है। इस दूसरे नंबर से अवैधानिक विज्ञापन और उत्पीड़न के मैसेज किए जा रहे है। जो एक अपराध है। जबकि सच्चाई तो यह थी कि जिस नंबर का हवाला ट्राई का कथित प्रतिनिधि दे रहा था। महिला उस नंबर को जानती तक नहीं थी। फिर भी ट्राई के कथित प्रतिनिधि ने कहा कि उनके पास अभी मुंबई पुलिस का फोन आएगा। थोड़ी देर बाद कथित मुंबई पुलिस के नाम से कॉल आया और बताया कि क्राइम ब्रांच मुंबई में महिला के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है। जिसमें महिला के अवैधानिक गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी मिली है।

स्काइप इंस्टॉल करवाया और फिर उसी पर की बात
महिला ने रिपोर्ट में बताया है कि आरोपी ने खुद का नाम संदीप राव और खुद को मुंबई में सब इंस्पेक्टर बताया। साथ ही कहा कि महिला उसके साथ स्काइप पर आॅनलाइन मिटिंग करें। लेकिन महिला ने कहा कि उसके मोबाइल में स्काइप नहीं है। तो उसने जबरदस्ती महिला को डरा कर स्काइप इंस्टॉल करवाया। इसके बाद स्काइप पर मिटिंग करने के लिए एक लिंक भी भेजा। उसके बाद आरोपी ने उससे कहा कि महिला की मुश्किलें बढ गई है। नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में महिला संदिग्ध मिली है। इस केस में 20 लाख रूपए आपके नाम से है। साथ ही एक केनरा बैंक का एटीएम कार्ड भी मिला है। इसलिए आपके खिलाफ दो वारंट जारी हो गए है।

गिरफ्तारी के डर के अलावा सारे बैंक खाते फ्रीज होने का डर
मुंबई क्राइम ब्रांच का कथित सब इंस्पेक्टर संदीप राव ने महिला को कहा कि इन दो वारंट से ना केवल आप गिरफ्तार होंगे। बल्कि महिला की सारी जायदाद और बैंक खाते भी फ्रीज हो जाएंगे। जब महिला ने कहा कि वह किसी भी इस प्रकार की गतिविधि में शामिल नहीं रही है तो कथित सब इंस्पेक्टर संदीप राव ने मुंबई पुलिस के ही कथित सीबीआई आफिसर आकाश कुलहरि से भी स्काइप के जरिए बात करवाई। जिसके बाद आकाश कुलहरि ने महिला को बोला कि उसके खाते में जितना भी फंड, रूपया अभी है। उसको डिजीटल वेरिफिकेशन के लिए भेजना होगा। क्योंकि यह मामला ईडी का है और सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा। दूरसंचार विभाग से शुरू हुई बात अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई तो महिला बिल्कुर डर गई। डिजीटल वेरिफिकेशन के नाम पर महिला 29 अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक कुल 42 ट्रांजेक्शन के जरिए सात करोड़ 67 लाख रूपए आरोपियों के खातों में नेट बेंकिंग के जरिए डालती रही।

हर दो घंटे की रिपोर्ट भी लेते रहे आरोपी
महिला को डराने के बाद आरोपी लगातार तीन महीने तक महिला की सेल्फ रिपोर्ट भी हर दो घंटे में लेते रहे। महिला ने रिपोर्ट बताया कि आरोपियों ने उसे कहा कि उसे हर दो घंटे में सेल्फ रिपोर्ट भेजनी होगी। दो घंटों में वह क्या कर रही है। कहां जा रही है। किससे मिल रही है। उसके सारे मैसेज स्काइप पर मंगवाए। साथ ही कहा कि रूपए नहीं भेजे और सेल्फ रिपोर्ट नहीं भेजी तो उसे जेल में डाल दिया जाएगा। साथ ही कहा कि यह मामला नेशनल सीक्रेट एक्ट से जुड़ा हुआ है। इसलिए किसी के बारे में चर्चा नहीं करेगी। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ही निपटेगा।

तीन बैंकों से लिया 80 लाख लोन भी
रिपोर्ट में महिला ने बताया कि वह आरोपियों से इतनी डर गई थी कि उसने अपनी जिंदगी भर की गाढी कमाई, सारी बचत, म्यूचल फंड, फिक्स्ड डिपोजिट सब आरोपियों को दे दी। यही नहीं डिमांड बढने पर तीन निजी बैंकों से भी 80 लाख रूपए का लोन लेकर आरोपियों को दे दिया।

12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने का झांसा दिया
महिला ने रिपोर्ट बताया कि आरोपियों ने उसे बताया था कि उनके सारे पैसों का डिजीटल वेरिफिकेशन होने के बाद और सुप्रीम कोर्ट में मसला निपटने के बाद उसके सारे पैसे उसके खाते में आ जाएंगे। आरोपियों ने महिला को आखिरी मैसेज 02 फरवरी 2024 को किया। जिसमें उन्होंने बताया कि 12 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट के केस का रिजल्ट आ जाएगा। इसके बाद उसका सारा पैसा वापिस खाते में आ जाएगा। लेकिन 15 फरवरी तक जब आरोपियों से संपर्क नहीं हुआ तो महिला और भी डर गई। क्योंकि वह सारा पैसा, यहां तक की लोन का पैसा भी गंवा चुकी थी। पहले से डरी—सहमी महिला अब गुमसुम भी रहने लगी तो साथियों के पूछने पर आप बीती बताई। इसके बाद साथियों ने हौंसला दिया और महिला ने साइबर थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया।

ना किसी से मिल रही, ना बता रही
महिला इस प्रकरण के बाद काफी घबराई हुई है। वह ना तो किसी से मिल रही है और ना ही किसी को बता रही है। खासकर मीडिया में तो अपना नाम तक सामने नहीं लाना जा रही। महिला और उसके वकील ने पुलिस अधिकारियों तक से निवेदन किया है कि महिला का नाम उजागर ना करें। क्योंकि महिला इस प्रकरण के बाद पूरी तरह घबराई हुई है।

इनका कहना है….
पिलानी की एक महिला ने मामला दर्ज कराया है। फर्जी ईडी के नाम पर मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर दो—तीन युवकों ने 7.67 करोड़ रूपए की ठगी की है। पुलिस जांच कर रही है। आमजन से भी अपील की है। वे सतर्क रहे। ऐसी बातों को छुपाए नहीं। क्योंकि तीन महीने तक महिला बात को छुपाकर आरोपियों को पैसे देते रही। इसलिए ऐसी कोई बात है तो अपने परिवार से या फिर मित्रों से शेयर करें। ताकि बड़ा नुकसान होने से बच सके।
— हरिराम सोनी, डीएसपी, साइबर थाना, झुंझुनूं