Jhunjhunu Update
झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

बीडीके अस्पताल के पालना गृह में छोड़े बच्चे ने जयपुर ले जाते वक्त रास्ते में तोड़ा दम

डाक्टरों की टीम ने बचाने की भरपूर कोशिश की, सीपीआर भी दी, लेकिन बचा नहीं पाए

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झुंझुनूं। राजकीय जिला बीडीके अस्पताल में शनिवार रात को पालना गृह में छोड़ कर गए गए नवजात की आखिरकार जान नहीं बचाई जा सकी। बीडीके अस्पताल के चिकित्सकों ने सीपीआर देकर बच्चे को बचाने की कोशिश की। लेकिन करीब छह घंटे बाद ही बच्चे की जान चली गई। बच्चे का रविवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर राजकीय शिशु गृह, पुलिस और नगर परिषद के सहयोग से मुक्ति धाम में दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के मुताबिक राजकीय जिला बीडीके अस्पताल के पालना गृह में शनिवार रात को करीब साढ़े नौ बजे अज्ञात व्यक्ति पालना गृह की सीढियों में एक नवजात छोड़कर चला गया था। जिस वक्त चिकित्सकों ने संभाला तो शिशु की सांसें एकदम थमी हुई थी।

सेच्यूरेशन, जो 95 प्रतिशत के करीब होना चाहिए। वो एक प्रतिशत था। लेकिन चिकित्सकों डॉ. जितेंद्र भांबू व डॉ. विजय झाझड़िया पूरी रात भर सीपीआर और हर्ट सपोर्ट मेडिकल ट्रीटमेंट देकर बच्चे की जान को एक बार तो बचा लिया और सेच्यूरेशन भी 80 प्रतिशत तक ला दिया। इसके बाद भी बच्चे की हालत क्रिटिकल थी। ऐसे में उसे जयपुर के लिए रैफर किया गया। लेकिन जयपुर पहुंचने से पहले ही बच्चे की जान चली गई। बच्चे के शव को वापिस बीडीके अस्पताल लाकर मोर्चरी में रखवाया गया। बाल कल्याण समिति झुंझुनूं के निर्देश पर रविवार दोपहर को राजकीय शिशु गृह के मैनेजर मुकेश कुमार की मौजूदगी में कोतवाली थाने के एएसआई रामेश्वरलाल ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया।

नगर परिषद की मदद से बच्चे का अंतिम संस्कार किया

फिर नगर परिषद की मदद से बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे की डिलवरी में जल्दबाजी की गई थी। यही कारण है कि बच्चा जिंदा नहीं रह पाया। एक अनुमान के तौर पर बच्चा साढ़े सात महीने के करीब ही हुआ था। डिलवरी समय से पहले ही बच्चा पैदा करवया गया। हालांकि बच्चा प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी द्वारा या तो घर में या फिर किसी अस्पताल में पैदा करवाया गया। वहीं बच्चे का जन्म भी डेढ किलो ही था। बच्चे का जन्म भी शनिवार सुबह या फिर दोपहर बाद को होने का अनुमान चिकित्सकों ने लगाया है। बहरहाल, तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। आपको बता दें कि एक महीने में दूसरी बार राजकीय जिला बीडीके अस्पताल के पालना गृह में बच्चा छोड़कर जाने की गतिविधि सामने आई है। इससे पहले 22 मई को भी सुबह—सुबह अज्ञात व्यक्ति एक बच्चा छोड़कर चला गया था। हालांकि वो तब भी स्वस्थ था और अब भी वो स्वस्थ है।