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झुंझुनूं का नं. 1 न्यूज़ नेटवर्क

मंडावा में गैस कटर से एटीएम काट करीब नौ लाख रुपए ले गए बदमाश

मंडावा कस्बे की अब तक की सबसे बड़ी घटना, कार में आए थे बदमाश

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मंडावा। एसबीआई बैंक एटीएम की केश ट्रै को गैस कटर से काटकर चोरों ने रविवार रात्रि को वारदात को अंजाम दिया। कस्बे के मुख्य बाजार स्थित रघुनाथ जी के मंदिर के पास एसबीआई बैंक के एटीएम को गैस कटर से काटकर चोरों ने गरीब 9 लाख रुपए की लूट को अंजाम दिया। लुटेरे ने लुटेरों ने सीसीटीवी कैमरे को डैमेज कर दिया। जिससे वारदात रिकॉर्ड नहीं हो सके। थानाधिकारी रामपाल मीणा ने बताया कि रविवार की रात को 1 बजे पुलिस की गश्त टीम निकली तो एटीएम सुरक्षित था। लेकिन पुलिस की गश्त टीम रात्रि बजे से 3 बजे दोबारा एटीएम के आगे से निकली तो उस समय तक एटीएम में लूट की घटना हो चुकी थी।

मंडावा के मुख्य बाजार में गैस कटर से काटा गया एटीएम। इसमें से 9 लाख रुपए ले गए। 

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पुलिस की स्पेशल टीम साइबर क्राइम एफएसएल द्वारा सीसीटीवी फुटेजों के आधार के अलावा अन्य सूत्रों द्वारा भी जानकारी जुटाना में लगी हुई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना रात्रि करीब 2 बजकर 12 मिनट से 2 बजकर 36 मिनट के मध्य हुई। एटीएम लूट की घटना को लेकर कस्बे के वरिष्ठ जनों का कहना है कि कस्बे में अब तक की हुई घटनाओं में सबसे बड़ी घटना है। पुलिस को त्वरित कार्रवाई कर चोरों को गिरफ्तार करें। जिससे आमजन में विश्वास कायम हो।

वीसी के माध्यम से दी नए लागू हुए कानून की जानकारी

पंचायत समिति में नए कानूनों को लेकर वीसी में मौजूद लोग।

मंडावा। देश मे तीन नए क्रिमिनल लॉ भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 देशभर में 1 जुलाई से प्रभावी हों गए है। नए कानूनों की जानकारी देने के लिए पुलिस-प्रशासन बे सोमवार को पंचायत समिति में वीसी के माध्यम से पुलिस मित्रों, सुरक्षा सखी व आमजन को भारतीय न्याय संहिता के नए लागू हुए कानून की जानकारी दी। थानाधिकारी रामपाल मीणा ने बताया कि सीएलजी सदस्यों, पुलिस मित्रों, सुरक्षा सखी तथा आमजन को नए कानून विधियों समेत भारतीय न्याय संहिता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने ब्रिटिश कालीन आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम के तीनों कानूनों खत्म कर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 में परिवर्तित किया है।

नवीन फौजदारी कानून 1 जुलाई 2024 से लागू करने के पीछे भारत सरकार का उद्देश्य देश में नागरिकों को त्वरित न्याय एवं न्यायिक व अदालत प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना है। नए कानूनों के लागू होने से तारीख पर तारीख वाली लचरता दूर होगी और 3 साल में न्याय दिया जाना भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने जानकारी देते हुई बताया कि संसद में पास तीनों कानून में कई खूबियां भी हैं। ये विशेषकर अपराध पीड़ित को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए सजा को और सख्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के जमाने में बनाए गए आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य कानून की जगह लेंगे।